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a man in a hat smoking a cigarette near a body of water
Prompt
Lyrics: -मैं धूम्रपान का आदि हुँ , भोले को भांग चढ़ाता हूँ प्रशाद में चढ़ाई भांग को फिर मैं ही लेके जाता हुँ।फिर यार दोस्त बुलाता हूँ ऐसा माहोल बनाता हूँ चिलम में भरके माल को महफ़िल में ही खो जाता हूँ।। मंदिर तो आता जाता नहीं, ना पूजा ना में जाप करूँ ना भगवद् गीता जानू में , क्यूँ रामायण का पाठ करूँ।(हाँ) तिलक लगाकर मस्तक पर कभी कभी धर्म की बात करूँ और प्रशंशनीय बनने को दिखावे का राम राम करूँ।। जाने ऐसा क्यूँ हूँ मैं ना सुधारने का प्रयास करूँशनि मंगल को छोड़कर मैं कभी भी मदिरापान करूँ।मैं वही हूँ यारो जो खुलके बाज़ार में लड़की घूरता मंदिर में बैठी माता को मैं देवी समझ के पूजता।। जब बाहर जाती बहन तो मैं सदा जाने से रोकता माहोल थोड़ा गंदा है मैं बात बात पर टोकता। पर रोकूँ ना मैं ख़ुद को कभी जब ख़ुद आँवरा घूमता मैं ख़ुद कभी ना सोचूँ कभी परनारी को जब देखता।। मैं अपनी मां को मां मानुं , बहना को गहना मानुं मैंपर बात पराई की आये तब ना किसी का कहना मानुं मैं।यदि अत्याचार हो स्त्री पर, मोमबत्ती में भी जलाता हूँ दुनिया को बदलना चाहुँ मैं पर बदलना ख़ुद को पाता हुँ।। मैं मज़े मज़े में कभी कभी थोड़ी गाली भी दे देता हूँ पर
INFO
Type
Text-to-videoWj
Date Created
November 28,2024Wj
Dimensions
1280×768pxWj
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Prompt 1: a man with a beard sitting in a field, smoking a pipe and blowing smoke out of his mouth. he is wearing a hat and a yellow shirt. there are bushes in the background, and the sky is blue.
Prompt 2: a man sitting in a field, smoking a pipe and blowing smoke out. he is wearing a hat and has a beard. the man is surrounded by plants and is wearing a yellow shirt.